“हम वो सब कर सकते है जो हम सोच सकते है !

“हम वो सब कर सकते है जो हम सोच सकते है !
हम गलत धारणाएँ बनाते है इससे हमें कोई भी कार्य मुश्किल या असंभव लगता है|
 वह हमारी सोच का ही परिणाम है | हम जैसा सोचते है, वैसा बन जाते है !

“हमारे साथ वैसा ही होता है जैसा हम मानते है और विश्वास करते है |”
असल मै  इंसान के ले लिए जो सोचा वही होगा लेकिन सिर्फ सोचने से ही सब कुछ नहीं होगा, उसपर हमारा विस्वास होना चहिये । इस बात  को  विस्तार से समझेंगे. 
आपका विस्वास जितना पक्का आपकी कामयाबी उतनीही पक्की !
हम इसे एक उदाहरण के तोर पर समज़ते है !
आपने अक्सर देखा होगा की हमारे आस पास के लोग हर सुबह या हप्ते में एक दिन मंदिर जरूर जाते है अब आप कहेंगे मंदिर का और विस्वास का क्या नाता है तो में आपको बताना चाहूंगा की विस्वास ईस्वर की ही देन  है जो हमें हमारे कार्य करने  के लिए प्रेरित करती है। 
विस्वास चाहे वो भगवान् पे हो या पिता पे या दोस्त या कोई भी इंसान या कोई वस्तु हम किसपर भी विस्वास कर सकते है.  इस के लिए हमें कोई जीवित इन्सानकी जरूरत नहीं है। 
हम हमारी किसी वस्तु मतलब आपका मोबाइल या आपकी बाइक भी हो सकती है !
आपका विस्वास जितना पक्का आपकी कामयाबी उतनीही पक्की !
हमारे सामने जो भी स्थिति है अस्सल में वो हमारे कल के विचारोंका परिणाम है हम आज जो भी  सोचेंगे इसके परिणाम हम भविष्य में देखेंगे सोचने के साथ ही उस पर भरोसा भी होना चाहिए ! तभी हम हर असंभव और मुश्किल कार्य को कर सकते है !
आप ऊपर का चित्र देखकर समझ सकते है। की मुझे कहना क्या है अगर ये पक्षी ये सोचकर चला जाता की में  इसके ऊपर नहीं जा सकता तो उसकी वो सोच होगी और वो उस सोच के कारण ऊपर जाने का प्रयास  भी नहीं करेगा ! तो आप ही बताये इसका परिणाम क्या होगा वो आपने कार्य में सफल होगा ? ......   नहीं हो सकता और इस प्रकार निराशा की और वह चला जायेगा ! 
आप विस्वास करे की में ये कर सकता हु या तो कर के देखूंगा आप आपने लक्ष के बारे में सोचे खुदपर यकीन करे में ये कर सकता हु। आप प्रयास कीजिये भलेही हार का सामना करना पड़े परन्तु आप निराशा की और नहीं जायेंगे। आप कोशिश करते रहे सफलता आपको मिलनी ही है। 
  


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